उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क उमेशपाल हत्याकांड से पहले 11 फरवरी को जिला जेल में बंद अशरफ से मिलने अतीक अहमद का बेटा असद, शूटर गुलाम समेत नौ गुर्गे आए थे. जब एसआईटी ने जिला जेल के सीसीटीवी फुटेज खंगाले, तो असद और गुलाम समेत चार गुर्गों की तस्वीरों से मुलाकत की पुष्टि हुई थी. आरोप है कि इसी मुलाकात के बाद उमेशपाल की हत्या की साजिश रची गई. झांसी में असद और शूटर गुलाम के एनकाउंटर से उनसे मिलने वाले गुर्गों की धड़कनें बढ़ गई हैं.
2005 में बसपा विधायक राजूपाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेशपाल और उनके दो सुरक्षा कर्मियों की 24 फरवरी को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसके बाद पुलिस ने अतीक के भाई अशरफ की जिला जेल में जांच शुरू की. मुलाकातियों का रिकार्ड खंगाला गया. सीसीटीवी फुटेज चेक कराए गए, तो 11 फरवरी को अशरफ से मुलाकात करने वाले माफिया अतीक के नौ गुर्गों की पुष्टि की गई. सीसीटीवी फुटेज में अतीक का बेटा असद, विजय उर्फ उस्मान चौधरी,अजहर और शूटर गुलाम की तस्वीर भी सामने आई थी. सूत्रों के अनुसार इससे स्पष्ट हो गया, उमेश हत्या कांड की पटकथा बरेली में लिखी गई थी.
लल्ला गद्दी और उसके साथियो की विशेष कोर्ट में पेशी
अशरफ के साले सद्दाम के गुर्गे मोहम्मद रजा उर्फ लल्ला गद्दी समेत नौ आरोपियों को जिला जेल से पुलिस अभिरक्षा में कोर्ट में पेश किया गया. प्रभारी विशेष जज भ्रष्टाचार निवारण प्रथम प्रणविजय सिंह की विशेष कोर्ट में ने अगले रिमांड को 27 अप्रैल की तारीख नियत की है. अशरफ से अवैध तरीके जेल में मिलाई करके और उसके साले सद्दाम को बरेली की पॉश कॉलोनी को किराये का मकान दिलाने में लल्ला गद्दी का नाम सामने आया था. गद्दी और उसके गुर्गों, बंदी रक्षकों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण एक्ट की गंभीर धाराओं में थाना बिथरीचैनपुर में एफआईआर दर्ज हुई थी.
बरेली न्यूज़ डेस्क