ऑटो न्यूज़ डेस्क, भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री लगातार बढ़ रही है। इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में वृद्धि पूरे दशक में जारी रहने की संभावना है। हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री निकट भविष्य में दोपहिया और तिपहिया वाहनों की बिक्री को पीछे छोड़ देगी।विकासशील बुनियादी ढांचे, सरकारी प्रोत्साहन और नए ईवी मॉडल के लॉन्च के साथ, केपीएमजी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि ईवी अपनाने से भविष्य में तेजी से विकास देखने की उम्मीद है। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश 2030 तक 80 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहनों को अपना लेगा। हालांकि यह बात कितनी सच साबित होती है, यह देखना होगा।
फेम योजना को समर्थन
पिछले कुछ वर्षों में, भारत सरकार ने FAME योजना जैसी नीतियों और योजनाओं का मसौदा तैयार किया है। जिसका उद्देश्य कारों के लिए 30 प्रतिशत, वाणिज्यिक वाहनों के लिए 70 प्रतिशत और बसों के लिए भी 40 प्रतिशत ईवी बिक्री पैठ हासिल करना है। इसका लक्ष्य 2030 तक दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए 80 प्रतिशत रखा गया है।
इंजन के स्थान पर विद्युत मोटर का प्रयोग
कहा जा रहा है कि, ईवी के आगमन के साथ, बहुत सारे तकनीकी परिवर्तन भी चलन में आ गए हैं। उदाहरण के लिए एक पारंपरिक आईसीई के साथ इंजन को बैटरी से बदल दिया जाता है। इसमें एक बैटरी प्रबंधन प्रणाली (BMS) होती है, जबकि ट्रांसमिशन को मोटर और नियंत्रक द्वारा बदल दिया जाता है। केपीएमजी ने कहा कि जैसे-जैसे प्रौद्योगिकी केंद्र में आती है, आपूर्तिकर्ता इस क्षेत्र में प्रवेश कर सकते हैं। इससे व्यापार के नए अवसरों का भी लाभ उठाया जा सकता है।