महाभारत के खलनायक दुर्योधन के मामा शकुनि को आखिर कौन नहीं जानता? महाभारत में शकुनि का किरदार अहम रहा है। कहते हैं कि बुद्धिबल, शस्त्रबल से भी ज्यादा खतरनाक होता है। महाभारत में कृष्ण, शकुनि, भीष्म, विदुर, द्रोण आदि ऐसे लोग थे जिन्होंने अपने बुद्धिबल का प्रयोग किया।
महाभारत के अनुसार, शकुनि के पिता का नाम राजा सुबल और माता का नाम सुदर्मा था। राजा सुबल गांधार वर्तमान अफगानिस्तान के राजा थे।
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गांधार राज सुबाला की पुत्री गांधारी का विवाह एक साधु के कहने पर पहले एक बकरे के साथ किया गया था। बाद मैं उस बकरे की बलि दे दी गयी थी। यह बात गांधारी के विवाह के समय छुपाई गयी थी
जब ध्रतराष्ट्र को इस बात का पता चला तो उसने गांधार नरेश सुबाला और उसके 100 पुत्रों को कारावास मैं डाल दिया और काफी यातनाएं दी। एक एक करके सुबाला के सभी पुत्र मरने लगे। उन्हैं खाने के लिये सिर्फ मुट्ठी भर चावल दिये जाते थे।
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सुबाला ने अपने सबसे छोटे बेटे शकुनि को प्रतिशोध के लिये तैयार किया। सब लोग अपने हिस्से के चावल शकुनि को देते थे ताकि वह जीवित रह कर कौरवों का नाश कर सके। मृत्यु से पहले सुबाला ने ध्रतराष्ट्र से शकुनि को छोड़ने की बिनती की जो ध्रतराष्ट्र ने मान ली। सुबाला ने शकुनि को अपनी रीढ़ की हड्डी क पासे बनाने के लिये कहा, वही पासे कौरव वंश के नाश का कारण
शकुनि ने हस्तिनापुर मैं सबका विश्वास जीता और 100 कौरवों का अभिवावक बना। उसने ना केवल दुर्योधन को युधिष्ठिर के खिलाफ भडकाया बल्कि महाभारत के युद्ध का आधार भी बनाया।
शकुनि महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक था। शकुनि गांधार साम्राज्य का राजा था। यह स्थान वर्तमान के अफगानिस्तान में है। शकुनि गांधारी का भाई था। दुर्योधन की कुटिल नीतियों के पीछे शकुनि का ही हाथ था। अगर यह कहा जाए कि शकुनि कुरुक्षेत्र के युद्ध के लिए दोषियों में प्रमुख था तो गलत नहीं होगा।