रक्षाबंधन का इतिहास
1. जब भगवान गणेश जी को उनकी बहन राखी बांध रही थी तो ShareChat @Radha डोलताभ ने अपने पिता गणेश से आग्रह किया कि उन्हें भी अपने लिए बहन चाहिए जो उन दोनों को राखी बांध सके. अपने पुत्रो के आग्रह पर गणेशा जी ने अग्नि से एक पुत्री को जन्म दिया जो पूरी दुनिया में संतोषी माँ के नाम से विख्यात है.
2. इतिहास में रक्षाबंधन का एक और किस्सा मिलता है. एक बार भगवान कृष्ण पतन उड़ा रहे थे और तेज़ धार मांजे के कारण उनका हाथ ज़ख़्मी हो गया. उस वक़्त द्रौपदी ने अपनी साड़ी का पल्लू से कपडा फाड फ़ौरन श्री कृष्ण के हाथ पर बाँध दिया। इसलिए श्री कृष्ण ने पूरी उम्र द्रौपदी की रक्षा करने का वचन दिया और उन्होंने चीयर हरण के वक़्त द्रौपदी की रक्षा करके ये साबित भी किया।
3. जब भारत में ब्रिटिश साम्राज्य अपने पाँव पसार रहा था तो महान स्वतंत्र सेनानी और कवी रबीन्द्रनाथ टैगोर ने भारत के हिन्दू और मुसलमानो को एक दूसरे को राखी बाँधने का अनुरोध किया था. वे ब्रिटिश सेना को भारत की एकता और अखंडता का परिचय देना चाहते थे और सभी हिन्द-मुस्लिम भाईयो में समानता लाना चाहते थे.
4. रक्षाबंधन हर साल श्रवण पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है और इस दिन पूरा चाँद होता है।