केंद्र सरकार ने भारत के शहरी इलाकों में रहने वाले गरीबों को सपनों का घर मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (Prime Minister Awas Yojana-Urban) की अवधि बढ़ाने का फैसला किया है. इसी बुधवार 10 अगस्त को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (PMAY-Urban) को दिसंबर 2024 तक जारी रखने की बुधवार को मंजूरी दे दी है. ‘सभी के लिए आवास’ उपलब्ध कराने के इस अभियान को जून 2015 में शुरू किया था और इसकी मूल समय सीमा मार्च 2022 थी. इस योजना का उद्देश्य सभी पात्र शहरी लाभार्थियों को पक्के घर उपलब्ध कराना है.
31 दिसंबर 2024 तक मिलेगा लाभ
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सरकार की ओर से जारी एक बयान के के अनुसार, 31 मार्च, 2022 तक स्वीकृत 122.69 लाख मकानों का निर्माण पूरा करने के लिए वित्तीय सहायता मुहैया करा दी जाएगी. बयान में कहा गया है कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अनुरोध के आधार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पीएमएवाई-शहरी के कार्यान्वयन की अवधि को 31 दिसंबर, 2024 तक बढ़ाने का फैसला किया.
आइये जानते हैं क्या है पीएमएवाई-शहरी योजना
प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी (पीएमएवाई-शहरी) सरकार का एक प्रमुख मिशन है, जिसका क्रियान्वयन आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) द्बारा किया जा रहा है. इस योजना की शुरुआत 25 जून 2015 को की गई. इस मिशन के तहत झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों के साथ आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस), एलआईजी और एमआईजी श्रेणियों के लिए आवास की कमी को पूरा करेगा. सरकार की इस योजना के अनुसार, सभी पात्र शहरी परिवारों को पक्के घर उपलब्ध करवाये जाने का लक्ष्य है. पीएमएवाई(यू) एक मांग संचालित दृष्टिकोण को अपनाता है जिसमें आवासो की कमी का आकलन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा मांग सर्वेक्षण के आधार पर किया जाता है. पीएमएवाई (यू) के तहत सभी घरों में शौचालय, पानी की आपूर्ति, बिजली और रसोईघर जैसी बुनियादी सुविधाएं हैं. मिशन महिला सदस्य के नाम पर या संयुक्त नाम से घरों का स्वामित्व प्रदान करके महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देता है. विकलांग व्यक्तियों, वरिष्ठ नागरिकों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, एकल महिलाओं, ट्रांसजेंडर और समाज के कमजोर वगों को प्राथमिकता दी जाती है.
ऋण आधारित ब्याज सब्सिडी योजना
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस), निम्न आय वर्ग (एलआईजी), मध्यम आय वर्ग (एमआईजी)-I और मध्यम आय वर्ग (एमआईजी)-II के लाभार्थी जो बैंकों, आवास वित्त कंपनियों और अन्य ऐसे संस्थाओं से आवास ऋण की मांग कर रहे हैं, वे मकानों को अधिग्रहण, निर्माण या वृद्धि ( केवल ई डब्ल्यूएस और निम्न आय वर्ग के लिए मान्य) के लिए 6 लाख, 9 लाख और 2 लाख रुपये की ऋण राशि पर क्रमानुसार 6.5 फीसदी, 4 फीसदी और 3 फीसदी ब्याज सब्सिडी के लिए पात्र हैं.