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नौसेना को मिलेगी विंध्यागिरी की ताकत

नई दिल्ली. चीन नंबर के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है और उसका घमंड इतना कि वो समुद्र के अंतरराष्ट्रीय नियमों को भी ताक में रखने से गुरेज़ नहीं करता. फ़्रीडम ऑफ़ नेविगेशन का बेजां इस्तेमाल करने में चीन कुख्यात है और अब चीन को सबक़ सिखाने के लिए भारतीय नौसेना भी अपनी तैयारियों को तेज रफ़्तार देने में जुटी है. उसी के मद्देनजर भारतीय नौसेना अपने जंगी बेड़े के लिए ताबड़तोड़ स्वदेशी जंगी जहाज़ों के निर्माण में लगा है. उसी फ़ेहरिस्त में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 17 अगस्त को कोलकाता में प्रोजेक्ट 17A के छठे स्टील्थ युद्धपोत Y-3024 (विंध्यागिरी) को लॉन्च करेंगी. प्रोजेक्ट के 75 फीसदी उपकरण स्वदेशी कंपनियों से लिए गए हैं और इसका डिजाइन नेवी वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो ने तैयार किया है.रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम ‘गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड’ (जीआरएसई) द्वारा निर्मित यह तीसरा और आखिरी स्टील्थ युद्धपोत होगा. कंपनी ने ‘प्रोजेक्ट 17ए’ के तहत नौसेना के लिए युद्धपोत बनाने का अनुबंध किया था. इस प्रोजेक्ट के सभी फ़्रिगेट के नाम भारत की पर्वत श्रृंखलाओं पर रखे गए है… जैसे नीलगिरी, हिमगिरी, तारागिरी, उदयगिरी, दूनागिरी और विंध्यागिरी. विंध्यागिरी कर्नाटक की पर्वत श्रृंखला है और ये प्रोजेक्ट 17A का छठा वॉरशिप है.प्रोजेक्ट 17A का सांतवां और आखिरी जंगी जहाज़ महेंद्रगिरि के मुंबई में अगले महीने समुद्र में लॉन्च किए जाने की संभावना है और 2024 में ये स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ़्रिगेट भारतीय नौसेना को मिलने भी शुरू हो जाएंगे. फ़िलहाल इस शिप के पानी में लॉन्च होने पर उपकरण, हथियारों को इंस्टॉल किया जाएगा और फिर ये अपने समुद्री ट्रायल पर रवाना होंगे. समुद्री ट्रायल पूरे होने के बाद ही ये नौसेना में शामिल होंगे.स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ़्रिगेट की ख़ासियतअगर इस फ़्रिगेट की ख़ासियत पर गौर करें, तो सबसे पहली ख़ासियत ही ये है कि ये 75 फीसदी स्वदेशी है. इसका डिज़ाइन भी स्वदेशी है और इसका स्टील भी स्वदेशी है. 6600 टन वज़नी ये फ़्रिगेट 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से चल सकता है. एंटी एयर वॉरफेयर के लिए एयर डिफेंस गन, एंटी सर्फेस वॉरफेयर के लिए ब्रह्मोस एंटी शिप मिसाइल, एंटी सबमरीन वॉरफेयर के लिए वरुणास्त्र और एंटी सबमरीन रॉकेट लॉन्चर से लैस. इस फ़्रिगेट में 2 हैलिकॉप्टर भी आसानी से लैंड कर सकते है और उन्हें रखने के लिए हैंगर भी मौजूद होंगे. ये फ़्रिगेट रडार, सोनार और कॉम्बेट मैनेजमेंट सिस्टम से लैस होगा. विंध्यागिरी नाम एक एंटी सबमरीन वॉरफेयर युद्धपोत का पुनर्जन्म है, जिसने भारतीय नौसेना में 1981 से अपनी सेवाएं देनी शुरू की थी और 31 साल सेवाएं देकर 2012 में रिटायर हो गया था.प्रोजेक्ट 17A प्रोजेक्ट 17 क्लास (शिवालिक क्लास) युद्धपोत का फ़ॉलोऑन है. 17A के तहत 7 नीलगिरी क्लास युद्धपोत नौसेना के लिए बनाए जाने थे. इस प्रोजेक्ट के 5 शिप साल 2019 से 2022 के बीच MDL और GRSE शिप बिल्डर लॉन्च कर चुकी है. और बाक़ी एक गुरुवार को और एक अगले महीने मुंबई में लॉन्च हो जाएगा. इन स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ़्रिगेट के नौसेना में शामिल होने के बाद नीले समुद्र में भारत की ताक़त में ज़बरदस्त इज़ाफ़ा होगा.

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