इस्लामाबाद। इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ तोशाखाना मामले में सत्र अदालत के विचारणीय फैसले को शुक्रवार को ‘अमान्य’ घोषित कर दिया।इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने कहा, ”सत्र अदालत को सुनवाई करनी चाहिए और फिर से फैसला करना चाहिए।”इस बीच, अदालत ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान के मामले को किसी अन्य अदालत में स्थानांतरित करने के अनुरोध को भी खारिज कर दिया है। उसने गवाहों की सूची खारिज करने के फैसले के खिलाफ आवेदन पर नोटिस भी जारी किया। फैसले में कहा गया है, ”अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हुमायूं दिलावर मामले की सुनवाई करेंगे।”सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका:इससे पहले दिन में सुप्रीम कोर्ट ने तोशाखाना मामले से संबंधित मुकदमे की कार्यवाही के खिलाफ पूर्व प्रधानमंत्री की याचिका खारिज कर दी थी।न्यायमूर्ति याह्या अफरीदी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने तोशाखाना मामले के खिलाफ खान की याचिका पर सुनवाई की। पीठ ने कहा, ”हाई कोर्ट का अंतिम फैसला आने तक निचली अदालत तोशाखाना मामले पर फैसला नहीं कर सकती।”इस सप्ताह की शुरुआत में शीर्ष अदालत ने खान को यह कहते हुए ठुकरा दिया था कि वह इस्लामाबाद हाई कोर्ट के फैसले का इंतजार करें।पीठ ने कहा, ”हमारा मानना है कि हाई कोर्ट हमसे बेहतर आदेश जारी कर सकता है। यह संभव है कि वह कल मुकदमे को रोकने का आदेश दे दे।”क्या है तोशाखाना मामला?तोशाखाना एक फारसी शब्द है, जिसका अर्थ “खजाना घर” है, जहां सरकारी अधिकारी उपहार रख सकते हैं।तोशाखाना तब से सुर्खियों में है, जब से यह आरोप सामने आया है कि खान ने प्रधानमंत्री के तौर पर मिले तोहफों को औने-पौने दामों पर खरीदा और उन्हें भारी मुनाफे के लिए खुले बाजार में बेच दिया।क्रिकेटर से राजनेता बने 70 वर्षीय इमरान खान पर 2018 से 2022 तक अपने प्रधानमंत्री पद का दुरुपयोग करते हुए सरकारी उपहारों की खरीद और बिक्री का आरोप है, जो विदेश यात्राओं के दौरान प्राप्त हुए थे और जिनकी कीमत 14 करोड़ रुपये (635,000 डॉलर) से अधिक थी।सरकारी अधिकारियों के अनुसार उपहारों में एक शाही परिवार द्वारा दी गई घड़ियां शामिल थीं। आरोप था कि खान के सहयोगियों ने उन्हें दुबई में बेचा था। इन तोहफों में सात कलाई घड़ियां शामिल हैं, जिनमें से छह घड़ी रोलेक्स की हैं और सबसे महंगी ‘मास्टर ग्रेफ लिमिटेड एडिशन’ की कीमत 8.5 करोड़ पाकिस्तानी रुपये (3,85,000 डॉलर) है।चुनाव आयोग के आदेश में कहा गया था कि इमरान संविधान के अनुच्छेद 63 (1) (पी) के तहत अयोग्य हैं।