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Homeसमाचारकौन है जंगलों में के लिए जिम्‍मेदार ?

कौन है जंगलों में के लिए जिम्‍मेदार ?

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पश्चिमी अमेरिका के द्वीपीय राज्‍य हवाई के ऐतिहासिक शहर लाहिना के जंगलों में भीषण आग लगी. इससे बड़े पैमाने पर तबाही हुई है. शहर के केंद्र में मौजूद हर चीज पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. आग के कारण एक तरफ कई इमारतों को नुकसान पहुंचा है तो दूसरी तरफ यहां कोई वनस्पति नहीं बची है. इस सबके बीच जानते हैं कि जंगलों में आग कैसे और क्‍यों लगती है?आपने विदेश के जंगलों में आग लगने की खबरें सुनी होंगी. इन दिनों हवाई जंगल की आग का सामना कर रहा है. यहां जंगल की आग में 67 लोगों की झुलस कर मौत हो चुकी है. सरकार का कहना है कि लाहिना की आग पर अभी तक काबू नहीं पाया जा सका है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन इसे ‘बड़ी आपदा’ घोषित कर चुके हैं. जंगल की इस भीषण आग में भारत से गया 150 साल पुराना बरगद का पेड़ भी जलकर खाक हो रहा है. लेकिन क्‍या आपने कभी सोचा है कि जंगलों में आग कैसे लगती है? इसके लिए कौन जिम्मेदार है?सामान्‍य तौर पर आग के लिए ईंधन, ऑक्‍सीजन और ताप की जरूरत होती है. जब भीषण गर्मी पड़ती है, तब जंगल में आग लगाने के लिए हल्की सी चिंगारी ही पर्याप्‍त होती है. ये चिंगारी जंगलों के बीच से गुजरने वाले रेल ट्रैक और रेलगाड़ी के पहियों की रगड़ से पैदा होने पर पैदा हो सकती है. कई बार सूख चुके पेड़ों की टहनियां ही आपस में रगड़-रगड़कर चिंगारी पैदा कर देती हैं और जंगल में भीषण आग का कारण बन जाती हैं. सूरज की तेज किरणें भी आग को बढ़ावा देने का काम करती हैं.जंगलों में लगनी वाली आग के लिए अमूमन इंसानी लापरवाही जिम्‍मेदार होती है. कई बार जंगल में घूमने, फोटोग्राफी करने या किसी शोध के लिए गए लोग कैंप फायर, जलती सिगरेट, जानवरों को भगाने वाले पटाखे या माचिस की जलती तिल्‍ली यूं ही फेंक देते हैं. इससे भी जंगल में आग लगने का खतरा बढ़ जाता है. वहीं, अगर जंगल में एक बार आग लगी तो वहां चलने वाली खुली हवा इसे और बढ़ा देती है. अगर तेज हवा चल रही हो तो आग काफी तेजी से जंगल को अपनी चपेट में लेना शुरू कर देती है.जंगल की आग के लिए कई बार जंगल भी जिम्‍मेदार होता है. दरअसल, जब गर्मी अपने चरम पर होती है तो पेड़ों की टहनियां सूख जाती हैं. ये सूखी टहनियां आसानी से आग पकड़ लेती हैं. ढलान वाले जंगलों में आग ज्‍यादा तेजी से फैलती है. दरअसल, ऐसे जंगलों में पहले सूखी घास में आग बढ़ती जाती है और फिर पेड़ों को अपनी जद में ले लेती है. अगर जंगल में सूखा ईंधन बहुत ज्‍यादा है तो आग लगने पर काबू कर पाना बहुत ही ज्‍यादा मुश्किल हो जाता है.तेजी से बदलता मौसम जंगलों में आग लगने की घटनाओं की संख्‍या को बढ़ाने के काफी हद तक जिम्‍मेदार है. दरअसल, कम बारिश होना, सूखे जैसी हालात बनना, गर्म हवाओं यानी लू का ज्‍यादा चलना और भीषण गर्मी जंगलों में आग के लिए जिम्मेदार हैं. जलवायु परिवर्तन के साथ कुछ-कुछ ऐसे ही हालात बनते जा रहे हैं. प्रकृति का दोहन बढ़ने से वातावरण का संतुलन बिगड़ गया है. इससे कहीं बहुत ज्‍यादा तो कहीं कम बारिश हो रही है. वहीं, तापमान भी बढ़ता जा रहा है. इससे जंगलों में आग का खतरा बढ़ रहा है.भारत से 150 साल पहले हवाई ले जाया गया बरगद का पेड़ अमेरिका का सबसे पुराना पेड़ माना जाता है. यह माउई के हवाई द्वीप में जंगल की भीषण आग में झुलस रहा है. आग ने कई इमारतों को नुकसान पहुंचाया है. ऑनलाइन पोर्टल lahainatown.com के अनुसार, इस बरगद के पेड़ को हवाई में पनियाना कहा जाता है. साल 1873 में इसे माउई के लाहिना शहर में लगाया गया था. उस समय यह केवल 8 फुट का पौधा था. अप्रैल 2023 में इस बरगद के पेड़ को वहां पूरे 150 साल हुए थे.अब सवाल ये उठता है कि जंगल में लगने वाली इस भीषण आग को रोका कैसे जाए? विशेषज्ञ आग की आशंका का पता लगाने के लिए खास टूल्‍स का इस्तेमाल करते हैं. ये टूल तापमान, हवा की गति जैसे मानकों की जांच करता है. इन मानकों के खतरनाक स्तर पर पहुंचने से पहले आग को रोकने की कोशिश की जाती है. इसके तहत जंगल में बीच-बीच में गड्ढे खोदे जाते हैं ताकि आग फैल नहीं पाए. साथ ही जंगलों से चिंगारी पैदा करने वाली उन सभी चीजों को हटा दिया जाता है.

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