सीकर में सोमवार रात बेटी की बिंदौली निकाली गई। दुल्हन शेरवानी पहनकर घोड़ी पर चढ़ी। खास बात रही कि शेरवानी को दूल्हन ने अपने हाथों से बनाया। पिता ने कहा कि बेटियों को बेटे की तरह पाला है। मन में इच्छा कि,बेटों की तरह घोड़ी पर बैठाकर बारात निकाली जाए। बिंदौली में गांव के लोग शामिल हुए। बेटी की 1 दिसंबर को शादी है। दूल्हे ने भी शादी में दहेज लेने से मना कर दिया।
दुल्हन कृतिका के पिता महावीर सैनी ने बताया कि वह मूल रूप से सीकर जिले के रानोली गांव के रहने वाले हैं। परिवार का पुश्तैनी काम हलवाई का रहा। उन्होंने भी पैतृक व्यवसाय को ही चुना। 35 साल पहले गांव छोड़कर पूरा परिवार सीकर आया। उनके चार बेटी और दो बेटे हैं। कृतिका सबसे छोटी बेटी है। बड़े भाई- बहनों की शादी हो चुकी है। दोनों भाई दूसरी जगह नौकरी करते है। कृतिका ने बेटों की तरह घर संभाला है।
दुल्हन ने तैयार की शेरवानी
दुल्हन कृतिका ने बताया कि उसने जयपुर से फैशन डिंजाइनिंग का कोर्स किया है। स्काउट में भी करीब 7 साल तक सेवा दी है। जिसे राज्य और जिला स्तर पर कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं। 1 साल बेटी की सगाई हुई थी। पिता घोड़ी पर बैठाकर बिंदौली निकालने चाहते थे। इसके लिए घर में ही अपने हाथों से शेरवानी तैयार की।