एक समय था जब माफिया अतीक अहमद का खौफ इस कदर था कि लोग उसके खिलाफ बयान भी नहीं देते थे। 44 साल के आतंक का अंत हो गया और आखिरकार माफिया अतीक अहमद और उसके भाई को मिट्टी दी गई। लेकिन डॉन अतीक और उसके भाई अशरफ के मौत के बाद कोई अनके सुपुर्दे-ए-खाकी में नहीं पहुंच सका। वहीं कसारी मसारी कब्रिस्तान में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद है।
वहीं अतीक के दोनों नाबालिग बेटे अहजम और अबान क्रबिस्तान पहुंचे। दोनों ही नाबालिग बेटे बाल सुधार गृह में थे। इन दोनों को क्रबिस्तान लाया गया। दोनों बेटे अपने नाना के साथ पहुंचे है। जहां उन्होंने अपने पिता को मिट्टी दी। हालांकि अतीक की पत्नी शाइस्ता फरार हैं।
कयास लगाया जा रहा था कि बेटे असद के एनकाउटंर के बाद शाइसता आ सकती है, लेकिन असद के मौत के बाद भी वो नहीं पहुंची। वहीं पति और देवर के बाद भी शाइस्ता नहीं पहुंची। वहीं अशरफ की दोनों बेटियां भी क्रबिस्तान पंहुची थी। 15 अप्रैल को माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को तीन शूटरों ने ताबड़तोड़ गोलियां मार कर मौत के घाट उतार दिया।
अशरफ ने कहा था दो हफ्ते बाद कर दी जाएगी हत्या
बता दें कि वारदात से पहले अतीक का भाई अशरफ ने बरेली में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि उसकी दो सप्ताह बाद हत्या कर दी जाएगी। और अंतत: हुआ भी यही ठीक दो हफ्ते पांच दिन बाद ये घटना हो गई। वहीं अतीक ने भी अपनी हत्या की आशंका जताई थी और सुरक्षा की मांग की थी। अतीक और अशरफ का डर सच साबित हुआ।
जानकारी के मुताबिक अतीक अहमद और अशरफ को 15 अप्रैल को प्रिजन वैन में असद की कब्र पर फूल चढ़ाने के लिए लाया गया था। पुलिस अतीक और अशरफ को लगभग सुबह 11: 30 बजे महज 2 मिनट के लिए लेकर आई थी। जहां इन दोनों ने बेटे असद की कब्र पर फूल चढ़ाया था।
बता दें कि 13 अप्रैल को झांसी में असद के बेटे और शूटर गुलाम का पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया था, जिसके बाद माफिया अतीक फूट-फूट कर रोया था और उसने कहा था कि जिंदा रहा तो बदला लेगा। अतीक को डर था कि उसे मार दिया जाएगा और हुआ भी यही।
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