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अपने नाखूनों से करें पहचान, कहीं आपको तो नही ये दो बड़ी बीमारी

आइये जानते हैं

1. नाखूनों के पास की दर्दनाक लाल और सूजी हुई त्वचा (पेरोनिसिया)

पेरोनिसिया नाखूनों की तह का सूजन है (वो त्वचा और मुलायम तंतु जो नाखून को आकार देते हैं)।

इसका सबसे सामान्य कारण संक्रमण, चोट और खुजली है और ये पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में तीन गुना ज्यादा सामान्य है। कभी-कभी यह त्वचा की आधारभूत स्थिति जैसे कि चर्म रोग और सोरायसिस और कोई अन्य स्वास्थ्य स्थिति जैसे कि मधुमेह और एचआईवी से जुडी हो सकती है।

पेरोनिसिया कुछ घंटों में ही हो सकता है (अक्यूट पेरोनिसिया)। अगर यह 6 हफ्तों से ज्यादा रहता है तो इसे क्रॉनिक पेरोनिसिया कहा जाता है।

2. एक्यूट पेरोनिसिया (Acute paronychia)

एक्यूट पेरोनिसिया आमतौर पर नाखूनों में किसी छोटी चोट के कारण शुरू होता है – जैसे नाखूनों को चबाने, काटने और मैनीक्योर (manicures) करने की वजह से लगी चोट । प्रभावित जगह लाल, गर्म, पीड़ादायक और सूजी हुई हो सकती है। कुछ समय बाद इसमें नाखून के आसपास मवाद बनने लगता है जिसकी वजह से नाखून अलग हो काटे हैं।

एक्यूट पेरोनिसिया आमतौर पर स्टैफाइलोकोकस (Staphylococcus) संक्रमण के कारण हो सकता है। लेकिन कभी-कभी इसका कारण कोल्ड सोर्स के विषाणु भी हो सकते हैं (हर्पीस सिम्पलेक्स वायरस/ herpes simplex virus)। इस स्थिति में इसको हरपैटिक व्हीटलो (as herpetic whitlow ) के नाम से जाना जाता है।

अक्यूट पेरोनिसिया के इलाज में एंटीबायोटिक क्रीम और दवाएं शामिल है। अगर वहां ज्यादा मात्रा में मवाद है तो वहां सर्जरी द्वारा मवाद को निकाला जा सकता है। इलाज से संक्रमित नाखून को कुछ ही दिनों में ठीक किया जा सकता है। अगर इसका इलाज नहीं किया जाए या इस पर इलाज का कोई प्रभाव नहीं पड़ता तो यह स्थिति लंबे समय तक रह सकती है।

क्रोनिक पेरोनिसिया (Chronic paronychia)

यह बीमारी उन लोगों को हो सकती है जिनके हाथ लंबे समय तक पानी मे रहते हैं या जो रसायनों के संपर्क में आते हैं जैसे कि सफाई कर्मचारी, शराब घर में काम करने वाले, जलपान गृह के कर्मचारी और मछुआरे।

यह किसी एक नाखून की तह से शुरू होती है और बाकी उंगलियों को भी प्रभावित करती है। प्रभावित नाखूनों में सूजन हो सकती है और समय समय पर यह लाल और पका हुआ भी हो सकता है, खासकर पानी के सम्पर्क में आने के बाद I नाखून की तह जैसे जैसे बढ़ती है, वह धीरे-धीरे मोटी और खुरदरी हो जाती है और यह पीली ,हरी और भुरभुरी हो सकती है।

अगर स्थिति गंभीर हैं तो आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए। वह आपको एंटीबायोटिक क्रीम और दवाओं का सुझाव दे सकते हैं। कुछ मामलों में वह आपको त्वचा विशेषज्ञों के पास भेज सकते हैं।

इस बीमारी को दूर होने के लिए कई महीने लग सकते हैं और उसके बाद ,आपके नाखूनों को सामान्य होने में एक साल के करीब लग सकता है I अपने हाथों को सूखा और गर्म रखकर, हाथों की क्रीम और मलहम लगाकर और नाखूनों को चबाना या काटना बंद करके आप नाखूनों को सामान्य होने में मदद कर सकते हैं।

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