अंतरिक्ष की दुनिया अनोखी है. इसके बारे में जितना जानते हैं, उससे और भी ज्यादा जानने की इच्छा होती है. हम सबने देखा है कि एस्ट्रोनॉट जब भी अंतरिक्ष में जाते हैं तो एक खास तरह की ड्रेस पहनते हैं. ज्यादातर यह सूट सफेद रंग का होता है और अंतरिक्ष यात्रियों को ठंड, विकिरण और कम दबाव से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया होता है. यह सूट अंतरिक्ष यात्रियों को ऑक्सीजन भी मुहैया करता है ताकि वे जिंदा रह सकें. लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि अगर कोई इंसान या एस्ट्रोनॉट बिना स्पेस सूट पहने अंतरिक्ष में चला जाए तो क्या होगा. एक्सपर्ट ने इसके बारे में बारीकी से जानकारी शेयर की है.ट्रांसलेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस हेल्थ के स्पेस साइंटिस्ट इमैनुएल उरक्विएटा ने इस बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने कहा, पृथ्वी पर वायुमंडल के कारण हमारे शरीर पर एक तरह का दबाव पैदा होता है, जिसे वायुमंडलीय दाब कहते हैं. यह हमारे शरीर के प्रेशर को नियंत्रित करता है. लेकिन अंतरिक्ष में निर्वात होता है. वहां कोई वायुमंडलीय दबाव नहीं होता. इसलिए पल भी टिकना मुश्किल होता है.कदम रखते ही तुरंत मर जाएगासाइंटिस्ट ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति बिना स्पेससूट की सुरक्षा के अंतरिक्ष में कदम रखे तो तुरंत मर जाएगा. हवा का दबाव कम होने और अंतरिक्ष के निर्वात के संपर्क में आने से अंतरिक्ष यात्री के लिए सांस लेना असंभव हो जाएगा. शरीर में मौजूद खून और पानी उबलने लगेगा. चूंकि नाक के अंदर की रक्त वाहिनियां कमजोर होती हैं इसलिए सबसे पहले नाक से खून बहने लगेगा. और इस प्रकार हमारे शरीर में इंटरनल ब्लीडिंग होगी, जिससे तुरंत मौत हो जाएगी. स्पेस सूट काफी महंगा भी आता है. 1974 में नासा ने खुलासा किया था कि एक स्पेससूट की कीमत 15-22 मिलियन डॉलर के बीच होती है , जो आज लगभग 83-122 मिलियन डॉलर बैठेगी.मंगल पर ऑक्सीजन न के बराबरएक और सवाल है कि यदि कोई अंतरिक्ष यात्री बिना स्पेससूट के चंद्रमा या मंगल ग्रह पर निकल जाए तो क्या होगा? साइंटिस्ट के मुताबिक, चंद्रमा पर लगभग कोई वायुमंडल नहीं है. कहीं है तो बहुत ही कम मात्रा में. मंगल ग्रह पर भी ऑक्सीजन ना के बराबर है. नतीजा उसका भी खून उबलने लगेगा और तुरंत मौत हो जाएगी. मान लीजिए कि अंतरिक्ष यात्री की मंगल की सतह पर उतरने के बाद मृत्यु हो गई तो क्या होगा. इसके जवाब में साइंटिस्ट ने कहा, वहां दाह संस्कार नहीं किया जा सकता क्योंकि इसके लिए बहुत ऊर्जा चाहिए. ऊर्जा की कमी से खुद एस्ट्रोनॉट जूझते हैं. ऐसे में वे ऊर्जा का इस तरह दुरुपयोग नहीं करेंगे. ज्यादातर संभावना है कि वे शव को एक बैग में तब तक रख देंगे, जब तक कि उसे पृथ्वी पर वापस न ले आया जाए.